धर्म और आस्था

जिसके जीवन में नमो होता है, फिर उसके जीवन में कषाय कैसे रह सकते है – सा.श्री तत्वलताश्रीजी म.सा

ज्ञानतत्व तपोमय चातुर्मास के अंतर्गत आज श्री नमस्कार महामंत्र आराधना का हुआ शुभारंभ

मेघनगर – आज प्रवचन में पूज्य साध्वीजी ने नवकार की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि, जो व्यक्ति अपने जीवन में नवकार महामंत्र के पद के प्रथम शब्द “*नमो*” को भी यदि अपने जीवन में आत्मसात कर लेता है, अपने जीवन में उतार लेता है तो, उस व्यक्ति के जीवन में कषाय रह ही नहीं सकते। क्योंकि जब आपके जीवन में नवकारमय हो जाता है, तो स्वयं आपके जीवन में नमो अर्थात नमना, झुकना, अहंकार से दूर रहना आ हो जाता है, और जब यह जीवन में आ जाता है तो फिर, मोह, माया, कषाय आपके जीवन में टिक ही नही पाएंगे।
उक्त जानकारी देते हुए रजत कावड़िया ने बताया कि, आज नमस्कार महामंत्र आराधना के प्रथम दिवस प्रातः शुभ मुहूर्त में नवकार आराधना मंडप में परमात्मा, नवकार के पट की स्थापना की गई, जिसका लाभ श्री जितेंद्रजी जवेरचंदजी जगावत परिवार ने लिया। दादा गुरुदेव के चित्र एवं अखंड ज्योत की स्थापना का लाभ शेलेशजी, पंकजजी भंडारी परिवार ने लिया। नवकार के प्रथम वासक्षेप पूजा का लाभ सुभाषजी, पियुषजी लोढ़ा परिवार ने, दादा गुरुदेव की वासक्षेप पूजा का लाभ दिलीपजी, अरिहंतजी भंडारी परिवार ने लिया। भगवान की आरती का लाभ तापेशजी पगारिया परिवार ने, मंगलदीपक का लाभ विमालजी मुथा परिवार ने, नमस्कार महामंत्र की आरती का लाभ श्रीमती स्नेहलता मनोहरलालजी कावड़िया परिवार ने एवम दादा गुरुदेव की आरती का लाभ नरेन्द्रजी राहूलजी रांका परिवार ने लिया।
आज प्रवचन में सामूहिक तपराधना भद्रतप, सिद्धितप के चतुर्थ बियाशना के लाभार्थी परिवार राजेंद्रजी, सौरभ, संदीप कांठी परिवार का बहुमान, बहुमान के लाभार्थी परिवार मोदी परिवार, भंडारी परिवार, मुथा परिवार एवं लोढ़ा परिवार ने किया।
साथ ही कावड़िया ने बताया कि नवकार महामंत्र आराधना के सम्पूर्ण एकाशना के लाभार्थी परिवार स्व.सेठ श्री  समरथमलजी रूनवाल की स्मृति में श्रीमति शिरोमणीदेवी समरथमलजी रूनवाल द्वारा लिया गया है।

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