ग्राम बेडावली मे आदिवासी समाज की बेठक सम्पन्न
दहेज ,दापा ,दारू ,डीजे को लेकर लिया बड़ा निर्णय
झाबुआ जिले मे आदिवासी समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों को रोकने के लिए प्रशासन गांवों में तड़वी-पटेल के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है तो वही दूसरी ओर आदिवासी समाज के लोग भी इस कार्य को लेकर सजग नजर आ रहे है झाबुआ जिले के मेघनगर के ग्राम बेड़ावली मे आदिवासी समाजजनो द्वारा एक बेठ्क का आयोजन किया गया व सर्व सम्मति से फिजूल खर्ची पर रोक लगाने के लिए अपनी बात रखी इस अवसर पर समाज जनो ने अपनी बात रखते हुवे कहा की समाज को अगर उन्नत करना है शिक्षित करना है तो हमारे पुराने रीति-रिवाजों के साथ वर्तमान परिवेश के रिवाजों के साथ भी चलना होगा। पुराने समय में दहेज दापा का रूप नहीं था केवल वधू मूल्य लिया जाता था और वह वधू मूल्य भी बहुत ही कम होता था। वहीं आज के परिवेश में वधू मूल्य इतना लिया जाता है कि पांच लाख के आस पास होता है। ग्रामीणों के पास इतना रुपया नही होता है और ना वह इतना दहेज दे पाते हैं फिर हमारी लड़की और बहू को गुजरात काम पर जाना होता है और कई बार बात इतनी बढ़ जाती है कि इस चक्कर में शादी तक टूट जाती है । उन्होंने कहा हमारे आदिवासी समाज को अगर उन्नत करना है विकास करना है तो इन कुरीतियों को छोड़कर पुराने पारंपरिक रीति रिवाज भी अपनाना पड़ेंगे। जिसमें विदेशी शराब का बंद करना डीजे बंद करना शादी बारात के लिए इतने वाहनों को ले जाना केवल दिखावा करने के लिए ऐसे कई सामाजिक मुद्दों पर सभी गांव के लोगों उस पर अमल करने के लिए संकल्प लिया। इस अवसर पर सरपंच पति सुभाष मचार , बलवंत मचार ,थावरिया मचार ,वसना मचार ,महेश मचार ,मुकेश मचार ,इलियास मचार ,सुरेश मचार ,ख़ुम चंद्र मचार ,पप्पू भाबोर ,बाबू डामोर ,अनु मचार ,मट्टू बारिया बचचू भगत सहित ग्रामीण जन उपस्थित थे !