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मामला कन्या परिसर पिटोल का…….

शिक्षा के नाम पर कर दिए करोड़ो खर्च , मगर नतीजा ढाक के तीन पात

पिटोल (निर्भय सिंह ठाकुर)  पश्चिमी म.प्र. के आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले में सरकार ने छात्राओं को अच्छी सुविधा के साथ पढाई करवाने के लिये करोडों रुपऐ लगा दिये है। पर उन बिल्डिंगों के अंदर की तस्वीरें कुछ ओर ही बयां कर रही है। पिटोल कन्या परिसर के ताजे मामले को लिया जाऐ तो यहां एक ही कक्षा में कुछ छात्राऐं जमीन पर तो कुछ टेबल कुर्सियों पर बैठकर अध्ययन कर रही है।
दुसरी ओर इस आवासीय कन्या परिसर में अपने अपने कमरों की सफाई करना तो ठीक परिसर में बने सार्वजनिक शोचालयों की सफाई भी खुद को करना पड रही है। ग्राउण्ड जीरो पर रिपोर्टिग के दौरान छात्राओं ने इस बात की अभिव्यक्ति सार्वजनिक रुप से की है। कन्या परिसर के विद्यालय में छात्राओं को बैठने की क्षमता 490 सीट की है। वर्तमान में यहां 416 छात्राऐं अध्यनरत है। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष छात्राओं की संख्या बढी है। किंतु सुविधाऐं पर्याप्त नहीं है। विद्यालय में पानी की समस्या ऐसी कि छात्राऐं अपना नितकर्म भी ठीक से नहीं कर पाती। स्कुल प्रबंधन स्वच्छता के लिये पर्याप्त आपुर्ति बता रहा है पर असलियत में सच यह है कि पूरे माह में इक्का दुक्का टेंकर ही वहां पानी लेकर आते है। ऐसे में छात्राओं की पीडा यह है कि कैसे वे अपने उन दिनों में स्वच्छता से रह सके। ओर पानी की कमी के कारण दैनिकनित्य कर्म करे


  1. *3 साल में आवश्यक फर्निचर तक नहीं जुटा पाया विभाग*
    गौरतलब है कि जन जाति विभाग द्वारा संचालित इस कन्या परिसर में जबकि यहां यह 2022-23 में चालु हुआ था 2026 का नवीन सत्र प्रारंभ हो चुका है। विभाग यहां पर्याप्त मात्रा में पीने के पानी, बैठने के लिये समुचित फर्निचर की व्यवस्था, विषयवार शिक्षक, सफाई कर्मियों की व्यवस्था जैसे प्रबंध नहीं कर पाया है। परिसर के प्रभारी प्राचार्य प्रतापसिंह मोर्य ने बताया कि गत 3 वर्ष से वे इन समस्याओं से लगातार विभाग को अवगत करवा रहे है। विभाग के प्रमुख सचिव ने एक बैठक में कहा है कि इस सत्र में जहां व्यवस्थाऐं नहीं है वहां फर्निचर का प्रबंध करवाऐंगे। समस्या को सहायक आयुक्त जनजातिय कार्यविभाग के संज्ञान में भी लाया गया है। उन्होने कहा है कि जिन स्कुलों में अतिरिक्त फर्निचर है उसे बुलवाकर यहां भेजा जाऐगा। स्वच्छता को लेकर यहां आने वाले स्वीपर ने बताया कि उसे एक माह में सिर्फ 2500 रुपऐ वेतन दिया जा रहा है ओर वह यहां से 17 किमी दूर झाबुआ से आता है।         
    *आवासीय परिसर किंतु अपडाउन कर रहे शिक्षक*
    कहने को तो यह आवासीय परिसर है जहां छात्राओं के साथ शिक्षकों के रहने की व्यवस्था है। यहां पदस्थ 22 शिक्षकों में से 17 अतिथी व 4 नियमित शिक्षक है। जनपद सदस्य पेमा भाबोर ने बताया कि प्राचार्य सहित 14 सदस्य अपडाउन करते है । 8 शिक्षक यहां रहते है जबकि नियमानुसार मुख्यालय से 8 किमी की परिधी में ही वे निवास कर सकते है।
    *जांच दल जिले में*
    कमिश्नर के निर्देशन में संभाग स्तरीय जांच दल झाबुआ आया है जो स्कुलों की जांच कर रहा है। पिटोल कन्या परिसर की समस्याऐं संज्ञान में आई हे इनको भी दिखवाते है।
    *सुप्रिया बिसेन
    सहायक आयुक्त( जनजातिय कार्य विभाग)झाबुआ*

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