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बारिश के कारण गिरी दीवार को सुधारने के लिये 10 माह में मरम्मत के नाम पर एक ईंट भी नहीं जोडी

प्रायमरी स्कुल घाटीया में बिल्डींग गिरने के बाद 164 बच्चे बेठ रहे दो कक्षों में

पिटोल  (निर्भय सिंह ठाकुर )  राजस्थान के झालावाड जिले के पिपलोदी गांव के एक सरकारी स्कुल की छत गिरने से हुई बच्चों की मौत से अनजान झाबुआ विकास खण्ड के पिटोल के समिप मण्डली पंचायत के घाटीया में शा.प्रा.विद्यालय के बच्चे बेखोफ होकर वहां बैठकर अपनी पढाई कर रहे है। पर उन्हें यह नहीं पता कि कब ऐसी छतें उनके लिये जानलेवा साबित हो सकती है। मंगलवार को क्षैत्रिय विधायक डाॅ. विक्रांत भूरिया ने भी वहां के तडवी के बताने पर गांव का दौरा किया ओर उस स्कुल को करीब से देखा।
         यहां छत के बीम झुक रहे है। छत से सरिये बाहर दिखाई दे रहे है। एक कमरा ऐसा जो गत 29 सितम्बर 2024 को अविृष्टी से ढह गया था। वहां पर मरम्मत का कोई कार्य अब तक नहीं हुआ है। दो कमरों में जिनमें एक में पहली दुसरी ओर एक कक्ष में 3 से 5 वी तक की कक्षाऐं लग रही है। अब उनका एक साथ बैठकर अलग अलग कक्षाओं का पढाया जाने वाला पाठ कैसे मेनेज हो रहा है यह भी विधायक के लिये एक विचारणीय प्रश्न बन गया।
          *बच्चीयां बोली खीर पूडी मील रही है* 
       पढाई के अलावा जब उनसे यह पुछा गया कि खाना उन्हें समय से ओर पर्याप्त मील रहा है। नन्हीं बच्चीयों ने बताया कि आज उन्होने खीर पुडी खाई है। सब अच्छा मिल रहा है। विधायक भूरिया ने स्कुल के हालातों से विभाग के वरिष्ठों को अवगत कराकर शीघ्र मरम्मत करवा कर बच्चों को सुरक्षित बिल्डिंग में बैठाकर पढाने के लिये निर्देशित किया।
                *गनीमत थी कि रात को गिरी थी दीवार* 
       बताया जा रहा है कि उक्त स्कुल की दीवार रात के समय गिरी थी जब वहां कोई बच्चे नहीं बैठे थे। तब से लेकर आज तक बच्चे 2 अतिरिक्त कक्षों में बैठकर अपनी पढाई कर रहे है। तत्कालीन प्रधानअध्यापक ओर शाला प्रबंधन समिति( समग्र शिक्षा) के अध्यक्ष व सचिव घाटिया ने खण्ड स्त्रोत समन्वयक जनपद शिक्षा केन्द्र झाबुआ को अवगत करवा दिया था। बावजुद आज भी हालात जस के तस बने हुवे है।

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