
*निर्भयसिंह ठाकुर पिटोल* – गुरुवार को 15 अगस्त की पुर्व संध्या पर स्थानीय पुलिस सहित दो अन्य अलग अलग संगठनों ने हर घर तिरंगा के साथ हर घर स्वच्छता का संदेश देती तीन रेलीयां निकाली। अभियान की मंशा यह थी कि आमजन तक यह संदेश पहुंच सके कि देश भक्ति ओर स्वच्छता को लेकर वे जागरुक हो जाऐं। लेकिन पिटोल के सदर बाजार में रेलियों के निकल जाने के महज 2 घंटे के भीतर ही एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसमें आम जन अपने व्यापारीक संस्थान के कचरे को बीच सडक पर डाल रहे है। जो कि यह प्रदर्शित कर रहा था कि देश प्रदेश में ऐसे कितने ही अभियान चले उससे उन्हें कोई सारोकार नहीं।
पिटोल कस्बे के मुख्य बाजार व गली चोराहों पर ऐसी तस्वीरे अब आम होकर अभियानों को मुंह चिढा रही है। आम जन मानस अब तक अपनी सोच नहीं बदल पा रहा है। पंचायत के पास सफाई कर्मि पर्याप्त नहीं होने के कारण गंदगी , नालियों व कचरों से पटी पडी है। गंदी पडी सडकों का दंश आम जन भुगत रहा है। सडी गली सब्जीयां, केले के छिलके व अन्य चीजें नालीयों में फेंक दी जाती है। उससे नालियों में पानी भरे रहने के कारण मच्छर अत्यधिक पनप रहे है जो आम जन के स्वास्थ पर प्रतिकुल असर डाल रहे है।

*घर घर व्यापारीक संस्थान तो फिर सफाई ..?*
बीते 10 वर्षों में पिटोल का व्यापार ईतना बढा है कि यहां मुख्य बाजार में अधिकतम घर व्यापारीक संस्थान में तब्दील हो गऐ है। बढते व्यापार के बीच प्लास्टिक की थेलीयों के साथ चाय के कप पानी की बोतलों व अन्य वेस्टेज का बढना स्वाभाविक हो गया है। ऐसे में जिम्मेदारी से दूर भागता आमजन उस कचरे को अपने डस्टबीन में समेटके रखकर कचरा वाहनों में डालने की बजाय सडकों पर फैला कर अपने कर्तव्यों की ईतिश्री कर ले रहा है।
*तीन सफाई कर्मियों के भरोसे 6 हजार आबादी वाला गांव*
पंचायत भी इस मसले पर कर्मियों को बढाने की बजाय तीन कर्मचारीयों से ही पूरे गांव की सफाई का कार्य करवा रही है। कचरे का ट्रेक्टर भी सिर्फ एक बार कचरा समेटने के लिये कस्बे में घुमता है। जबकि पूरे कस्बे का यदि कचरा समेटा जाऐ तो कम से कम उसे तीन राउण्ड लगाना पडेंगे। ट्रेक्टर संचालक रवि भाई का कहना है कि पंचायत द्वारा उसे इतना खर्च ही नहीं दिया जाता कि वह तीन राउण्ड लगा सके। नतीजा आधे गांव का कचरा ट्रेचिंग ग्राउण्ड तक पहुंच जाता है बाकी इधर उधर पडा रहता है। अस्थाई दुकानदारों ने आधी सडक पर कब्जा किया हुआ है। कतिपय व्यापारी घर की दुकान के सामने सडक तक फैल गऐ है। राहुल भाई का कहना है कि पिटोल में अब तो आवागमन, ओर बढती गंदगी के कारण असहज सा लगने लगा है।

इनका कहना है
हाल ही में उनकी हुई पोस्टिंग के बाद वसूली को लेकर सक्रियता बढाई गई है! सफाई कर्मियों की कमी यहां हमेशा से बनी हुई है! कस्बा पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है एवं यहां अधिकतम व्यापारिक संस्थान है! लोग कचरा डस्टबिन में डालने की बजाय बीच सड़क पर ही फेंक देते हैं !सफाई कर्मियों को बढ़ाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं !अगले 15 दिनों में हम व्यवस्था को सुधार लेंगे!
नरवर सिंह नायक
सचिव ग्राम पंचायत पिटोल