मुझको माधव का सहारा मिल गया – भागवत कथा मे भक्ति की धारा मे ओतप्रोत हुवे श्रद्धालु
भक्ति गीतो की सुमधुर धारा मे जमकर नाचे श्याम प्रेमी

पिटोल (निर्भय सिंह ठाकुर ) 2 सितंबर श्री राधा कृष्ण मंदिर पिटोल में भागवत कथामृत के अंतर्गत गौ संत रघुवीर दास जी महाराज ने व्यास पीठ से बताया कि भक्ति में प्रवेश करने हेतु भगवान की कथा सुनना अनिवार्य है, जो व्यक्ति जगत चर्चा में प्रसन्न हो व भागवत चर्चा से दूर हो वह व्यक्ति भक्ति मार्ग से कोसों दूर है। स्वयं के कल्याण के लिए प्रत्येक व्यक्ति को भजन करने में समय निकालना चाहिए। शरणागत शब्द की व्याख्या करते हुए महाराज श्री ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति आपके सामने नतमस्तक हो जाए तो शरणागत की रक्षा करना आपका कर्तव्य है, भक्त यदि एक बार भगवान की शरणागत हो जाए तो ईश्वर जन्म जन्मांतर इसकी रक्षा करता है। जो स्वयं भगवान से नहीं जुड़ा है वह दूसरों को आशीर्वाद देने का अधिकार नहीं रखता है, कथा के बीच में विभिन्न भजन मुझको माधव का सहारा मिल गया ,पांडुरंग विट्ठला पंढरी नाथ विठला, हमारे मन राधा श्री राधा श्री राधा ,भजनों के साथ डूंगरपुर के तबला वादक ओमप्रकाश जेठवा ने संगत दी, हारमोनियम पर विपिन भट्ट बांसवाड़ा ,व विभिन्न भजनों व कौरस पर नरेंद्र आचार्य छींच बांसवाड़ा, व शैलेश भट्ट ने सुमधुर प्रस्तुतियों से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।