झाबुआ से भोपाल तक
कोटवारो ने अपनी मांगो को लेकर की आवाज़ बुलंद
प्रदेश के मुखिया के नाम तहसीलदार को सोपा ज्ञापन

झाबुआ जिले के मेघनगर तहसील कार्यालय पर मध्यप्रदेश कोटवार संघ के बैनर तले सेकड़ो की तादाद में कोटवार जमा हो गए ओर अपनो मांगो को लेकर प्रदेश के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सोपा जिसमे प्रदेश में कार्यरत 38 हज़ार कोटवारो को परमानेंट करने , वर्दी की राशि कोटवारो के खाते में डालने व वेतन व्रद्धि सहित अन्य मांगों को लेकर अपनी आवाज़ बुलंद की व 15 अगस्त तक अगर उनकी सुनवाई नही होती है तो उसके बाद प्रदेश भर के 38 हज़ार कोटवार सभी जिलों से तिरंगा यात्रा के रूप में भोपाल पहुचेंगे

*यह रही कोटवारो कि प्रमुख मांगे,*
म०प्र० के सभी 38000 कोटवारों को परमानेंट किया जावे, कोटवार पंचायत 2007 की घोषणा अनुसार म० प्र० के सभी 38000 कोटवारों को पात्रता परिक्षण कर सेवा / मालगुजार भूमि का स्वामित्व प्रदान किया जाये। अभियान चलाकर सेवा भूमि अतिक्रमण मुक्त कराई जाये, राजस्व आयुक्त कार्यालय भोपाल द्वारा मा० उच्च न्यायालय जबलपुर की अवमानना कर अबैध रूप से जारी भंडार कय नियम 2022 का पालन कर वर्दी कय संबंधी आदेश निरस्त कर पूर्व की तरह बर्दी की राशि कोटवारों के बैक खाते के माध्यम से भुगतान की जावे। उक्त आदेश निरस्त न होने तक दी जा रही घटिया एवं अनुपयोगी कोटवार वर्दी का बहिष्कार किया जायेगा, शहरी एवं नगरीय क्षेत्र में तथा एक ग्राम में एक से अधिक कोटवार होने की स्थिति में कोटवार पद समाप्त करने संबंधी असंवैधानिक आदेश निरस्त किया जावे, कोटवार नियुक्ति में कोटवार परिवार के सदस्य को ही विना ग्राम पंचायत प्रस्ताव के पटवारी प्रतिवेदन एवं थाना प्रभारी चरित्र प्रमाण पत्र केआधार पर कोटवार नियुक्ति में प्रथम वरियता संबंधी स्पष्ट आदेश किया जावे ,कोटवार नियुक्ति में ग्राम पंचायत ठहराव लेने का आदेश निरस्त किया जावे। राजनैतिक द्ववेश चुनावी रंजिश के कारण ग्राम कोटवार को सरपंच/सचिव बगैरह जो प्रति पांच वर्ष में बदलते रहते एवं ग्राम के प्रभावशाली लोगों द्वारा अकारण परेशान किया जाता है, जबकि कोटवार राजस्व विभाग का कमचारी है। ऐसी स्थिति में कोटवार के आवेदन पर तहसीलदार महोदय को ग्राम कोटवार को तहसील कार्यालय में संलग्न कर शासकीय कार्य कराने का अधिकार दिया जावे ,अन्य कर्मचारियों की तरह कोटवार की सेवाकाल में मृत्यु होने पर 1000000 दस लाख रूपये की अनुग्रह सहायता एवं कोटवार परिवार के सदस्य को अनिवार्य रूप से चतुर्थ श्रेणी पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी जावे , गंभीर अपराध के झूठे आरोप लगने पर या अन्य किसी कारण से कोटवार को सेवा प्रथक करने का अधिकार तहसीलदार महोदय के स्थान पर संपूर्ण विभागीय न्यायिक जांच उपरांत कलेक्टर महोदय को दिया जावे।

म० प्र० के दो जिले हरदा एवं भिण्ड तथा कुछ अन्य जिले की कुछ तहसील में शासन के आदेश के पालन में 500 / रूपये की प्रतिबर्ष वेतन वृद्वि नही की जा रही है। शासन आदेश का पालन न करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही जावे एवं उनकी गोपनीय चरित्रावली में शासन स्तर से प्रतिकूल टिप्पणी अंकित की जाकर आदेश दिनांक 01/10/2023 से ही शेष जिलों में कोटवार वेतन 500 / रूपये प्रतिबर्ष की वेतन वृद्धि की जावे। भिण्ड जिले में राजस्व अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा आई०एम०एफ०एस० साफटवेयर सत्यापन के नाम पर कोटवारों से 2018 के वाद की नियुक्ति संबधी अबैध जांच के नाम पर कोटवारों शोषण करने एवं उनका वेतन महिनों से रोकने वाले नायव नाजिर एवं संबधित राजस्व अधिकारियों पर कार्यवाही की जावे। शासन आदेश की अवमानना कर कोटवारों के वेतन में 500/ रूपये प्रतिवर्ष वेतन वृद्धि न करने वाले भिण्ड जिले के जिला नाजिर एवं तहसील नाजिरों का विशेष आदेश जारी कर जिले से बाहर स्थानांतरण किया जावे।पर नियुक्ति एवं 100000 एक लाख रूपये सेवामुक्ति राशि सेवामुक्त कोटवार , कोटवार सेवामुक्त होने पर कोटवार परिवार के सदस्य को कोटवार पद को देने के शासन आदेश का पालन केवल मंडला जिले में हुआ है, अन्य जिलों से जानकारी प्राप्त कर 01/10 2023 के बाद सेवामुक्त प्रदेश के सभी कोटवारों को सेवामुक्ति की 100000 एक लाख रूपये राशि दिलाई जावे ।शासन के आदेश के वावजूद आज दिनांक तक आदेश का पालन नही ,प्रदेश के सभी कोटवारों को सी० यू० जी० सिम शासन बैलेंस सहित देने हुआ है। पालन कराया जावे।
अतः अनुरोध है एवं प्रार्थना है कि ज्ञापन के आधार पर उक्त मानवीय आदेश जारी करने की कृपा करें, अन्यथा की स्थिति में म० प्र० के सभी 38000 कोटवार 15 अगस्त के वाद अपनी आजादी की प्रार्थना हेतु अपने परिवार सहित मध्य प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री मा० डॉ० मोहन यादव जी के समक्ष व्यक्तिगत भेंट हेतु प्रदेश के सभी जिलों से तिरंगा यात्रा के रूप में तिरंगा हाथ में लेकर मा० मुख्यमंत्री जी को भारत के मान-सम्मान – बलिदान एवं स्वाभिमान के प्रतीक तिरंगा भेंट करने हेतु भोपाल की ओर प्रस्थान करने हेतु बाध्य होंगे।