झाबुआ से भोपाल तक

*अगराल पंचायत में सीसी रोड घोटाला उजागर* कलेक्टर मामले को ले सज्ञान मे करे कार्यवाही

रोड बना नहीं, लाखों की राशि निकाल ली गई; ग्रामीणों में आक्रोश, जिम्मेदारों पर कार्रवाई की माँग*

झाबुआ /सुनील डाबी / झाबुआ जिले की जनपद पंचायत मेघनगर अंतर्गत ग्राम पंचायत अगराल में सीसी रोड निर्माण को लेकर बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। ग्रामीणों का आरोप है कि राम मंदिर से देवनारायण मंदिर तक सीसी रोड का निर्माण होना था, लेकिन वास्तव में सड़क बनी ही नहीं और निर्माण सामग्री के नाम पर लाखों रुपये की राशि का आहरण कर लिया गया।
ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच और पंचायत सचिव की मिलीभगत से केवल रोड पर कच्ची नाली की मिट्टी डाल दी गई, जबकि कागजों में सामग्री का बिल पहले ही लग गया है इस भ्रष्टाचार का खुलासा होते ही ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया। स्थानीय लोगों ने पंचायत के खिलाफ विरोध दर्ज करते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की माँग की है।
*ग्रामीण बोले— काम नहीं हुआ, लेकिन पैसा निकाल लिया गया*
गांववासियों का कहना है कि उन्होंने कई बार पंचायत से सड़क निर्माण की माँग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब पता चला है कि सड़क का पैसा भी निकाल लिया गया और काम भी अधूरा है।
 “हमने बार-बार कहा कि रोड बनवाओ, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अब पता चला कि पैसा भी निकाल लिया और रोड भी नहीं बनी। हम चाहते हैं कि जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो,” —
 तस्वीरों में यह साफ़ दिखता है कि सड़क निर्माण के नाम पर केवल मिट्टी डाली गई है, वह भी नाली खोदने से जो मटेरियल निकला वह डाल कर हाइट देदी गई मोहर्रम का तो पता ही नही है क्या जिम्मेदार अधिकारियो को नही देखना था कि सामग्री कहा है कैसे राशि निकल गई , कैसे एडवांस में पैसा निकल गया और माल आया नही यह पहली अनोखी पंचायत है जहाँ भुगतान पहले हो जाता है ओर सामग्री आती नही ….?
*प्रशासनिक प्रतिक्रिया: जाँच कर कार्रवाई का आश्वासन*
इस पूरे मामले पर जनपद पंचायत मेघनगर की सीईओ सुश्री प्रज्ञा साहू ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है और वे इसकी जाँच कर उचित कार्रवाई की जावेगी ।
 “मामला मेरे संज्ञान में आया है, मैं इसकी जाँच करवा रही हूँ और नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
*— प्रज्ञा साहू, सीईओ, जनपद पंचायत मेघनगर*
पंचायत सचिव का कहना है कि उधारी में सामान नही देते इसलिए पहले भुगतान किया गया है सामग्री अब आएगी और रोड का काम शुरू करेंगे
*रामरतन कंडारा पंचायत सचिव*
इस मामले को लेकर जब इंजीनियर से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि में अगराल पंचायत पर ही देखने आई हूं कि क्या मामला है फिर में आपको बताती हु ,
सपना पवार इंजीनियर जनपद पंचायत मेघनगर 
सबसे बड़ा सवाल यह है कि मीडिया के पहुँचने के बाद व अधिकारियो को अवगत करवाने के बाद मामला सज्ञान में लेने की बात की जाती है ऐसा क्यों इस मामले में कही न कही इंजीनियर भी दोषी है आखिर कैसे राशि का आहरण हो गया क्या इंजीनियर ने कभी मॉनिटरिंग नही की …क्या मोके पर काम शुरू होने कितना प्रतिशत कार्य पूरा हुआ कितनी राशि निकाली इस पर इंजीनियर ने क्यो ध्यान नही दिया ऐसे में इंजीनियर भी इस मामले मे कहि न कही दोषी है इन पर भी कार्यवाही होना चाहिए  क्यो की नियम की बात करे तो यहाँ नियमो को ताक में रखकर लागत राशि का आहरण किया गया जो कि अनुचित है इस कि विभागीय जांच होना चाहिए और दोषियों पर कार्यवाही होना चाहिये….
*बड़ा सवाल: बिना काम के भुगतान कैसे?*
अब सवाल यह उठता है कि ग्राम पंचायत अगराल में बिना सड़क बने भुगतान कैसे हो गया? क्या इसमें जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत है? क्या जाँच के बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी या यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह फाइलों में दब जाएगा — यह देखना होगा। जिला कलेक्टर नेहा मीना इस मामले को सज्ञान मे लेकर संबन्धित सरपंच ,सचिव ,इंजीनियर पर क्या कार्यवाही को लेकर क्या फरमान जारी करती है या यह मामला हर बार की तरह दबा दिया जावेगा

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