झाबुआ में कांग्रेस का “महा आंदोलन” हुआ टॉय-टॉय फिस्स, नेता मुद्दों से भटके
मुद्दों से भटके नेता, मंच से कांग्रेस के लिए मांगे वोट – जीतू पटवारी का विजवर्गीय पर बड़ा हमला

झाबुआ (सुनील डाबी ) – मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में कांग्रेस का “जीवन बचाओ आंदोलन” गुरुवार को जनसमर्थन जुटाने में विफल नजर आया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आंदोलन के तहत मेघनगर में रोड शो किया और मंडी प्रांगण में जनसभा को संबोधित किया, लेकिन मंच पर नेताओं का फोकस जनमुद्दों से अधिक चुनावी वोट मांगने पर रहा।
जीतू पटवारी ने सभा को संबोधित करते हुए झाबुआ क्षेत्र में कैमिकल फैक्ट्रियों से हो रहे प्रदूषण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इन फैक्ट्रियों की वजह से क्षेत्र का पर्यावरण बुरी तरह प्रभावित हो रहा है – जल, जंगल, जमीन, पशु-पक्षी और किसान सभी इसकी चपेट में हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि ये कैमिकल प्लांट गुजरात से लाकर यहां स्थापित किए गए थे, ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार मिले, लेकिन स्थिति इसके उलट है। पटवारी ने कहा कि जब अधिकारियों से इन प्लांट्स में स्थानीय लोगों की संख्या पूछी जाती है तो कोई जवाब नहीं मिलता, सिर्फ निराशा हाथ लगती है।
भाजपा सरकार पर लगाया रिश्वतखोरी का आरोप
भाजपा सरकार को आड़े हाथ लेते हुए पटवारी ने कहा, “आज प्रदेश में ऐसा कोई विभाग नहीं बचा जहाँ बिना रिश्वत के काम हो रहा हो।” उन्होंने कैलाश विजयवर्गीय को “कुकृत्य मंत्री” तक कह डाला, और बीजेपी सरकार को पूरी तरह विफल बताया।
हालांकि, आंदोलन के दौरान मंच पर कांग्रेस नेता मुख्य मुद्दों से भटककर चुनावी प्रचार में लग गए और खुलकर कांग्रेस के लिए वोट मांगने लगे, जिससे जनता के बीच नाराजगी भी देखी गई।
निष्कर्ष:
“जीवन बचाओ आंदोलन” को लेकर कांग्रेस की मंशा भले ही गंभीर रही हो, लेकिन आयोजन की रणनीति और भाषणों की दिशा देखकर ऐसा प्रतीत हुआ कि यह जनमुद्दों के बजाय राजनीतिक भाषणबाजी और वोट अपील में तब्दील हो गया – जिससे आंदोलन का असर फीका पड़ गया।