झाबुआ से भोपाल तक

*संघ के शताब्दी वर्ष को लेकर समाज में भी उत्सुकता

*जनजातीय अंचल में युवाओं और बुजुर्गो में संघ के प्रति बड़ा प्रेम*

*मेघनगर/मदरानी*  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के विजयादशमी को 100 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। संघ का कार्य किसी की कृपा से नहीं, केवल संघ के कार्यकर्ताओं के परिश्रम, त्याग, बलिदान के आधार पर तथा समाज के लगातार बढ़ते समर्थन से बढ़ते जा रहा है।
संघ अपनी शताब्दी वर्ष को लेकर आम लोगों में उत्सुकता है। युवा वर्ग से लेकर बड़े बुजुर्ग बड़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे है। तथा पूर्ण गणवेश भी बड़ी मात्रा में संचलन के पूर्व स्वयं के व्यय से खरीद रहे है।
हज़ार वर्षों के सतत संघर्ष के उपरांत स्वाधीनता आंदोलन की प्रेरणा ‘स्व’ के आधार पर समाज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में समाज एवं राष्ट्र जीवन की दिशा खड़ी हो इस हेतु से शिक्षा, विद्यार्थी, राजनीती, मजदूर, जनजाति समाज, किसान आदि क्षेत्रों में भारत के शाश्वत राष्ट्रीय विचार से प्रेरित विविध संगठन आरम्भ हुए संगठन का कार्य तो चल ही रहा था, परन्तु उसके साथ साथ सम्पूर्ण समाज जीवन को व्याप्त करने वाले अनेक जनसंगठन भी आरम्भ हुए। आज संघ विशाल वट वृक्ष बन चुका है।
मदरानी मंडल में 5 अक्तुम्बर को भव्य सामाजिक समरसता पथ संचलन निकलेगा। सामाजिक समरसता का भाव समाज में जाग रहा है तथा पंच परिवर्तन को लेकर संघ के स्वयंसेवकों द्वारा समय-समय पर समाज में जाकर लोगो में देश, धर्म और समाज के प्रति कार्य करने का भाव जागृत कर रहे है।

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