धर्म और आस्था

गौ माता 33 करोड देवी देवताओं का चलता फिरता मंदिर

र्दुभाग्य है कि घरों में गाय की जगह कुत्ते बिल्ली पाले जा रहे

पिटोल  (निर्भय सिंह ठाकुर ) पिटोल राधाकृष्ण मंदिर में चल रही भागवत कथा कर रहे तलवाडा ( राजस्थान )  के प्रसिद्ध गौ संत श्री रघुवरदास जी महाराज ने गौ माता पर विशेष चर्चा करते हुवे बताया कि हिंदु धर्म में गाय को मांॅ के समान दर्जा दिया गया है। सनातन धर्म में पवित्रता के साथ ही उसमें 33 करोड देवी देवताओं का वास माना गया है। गाय को आध्यात्मिक शांति का प्रतीक माना जाता है।
         संत श्री ने कहा कि गाय का घी, दुध, गोबर ओर गौमुत्र का उपयोग विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में होता है। यदि हम अपने घरों में गौ माता को रखते है तो सकारात्मक उर्जा ओर सुख शांति का संचार होता है। किंतु आज हमारे देश का र्दुभाग्य है कि घरों में गाय पालने की जगह कुत्ते बिल्ली जैसे पशुओं को पाला जा रहा है जो कि नकारात्मक सोच देता है।
     आध्यात्मिक व चिकित्सकीय दृष्टिकोण से भी सुखद 
         रघुवरदास जी महाराज ने बताया कि प्रत्येक प्रत्येक हिंदु को गाय रखने पर बल देना चाहिये। गाय का दुध पोषक होकर भोजन का महत्वपूर्ण सा्रेत है। गाय का गोबर जैविक खाद के रुप में मिट्टी की उर्वरता शक्ति को बढाता है। गौमुत्र को शुद्धिकरण के गुणों वाला माना जाता है। उन्होने बताया कि गौ माता में सुर्य नाडी होती है जो सूर्य के पोषक तत्वों को ग्रहण कर उन तत्वों को हमें प्रदान करती है। जहां गौमाता प्रसन्न होकर स्वच्छन्द सांस लेती है वहां रोग तथा शोक प्रवेश नहीं करता है।
          चिकित्सा के क्षेत्र में भी गाय के योगदान को कम नहीं आंका जा सकता है। केंसर जैसे रोग में भी गौमुत्र का सेवन लाभप्रद माना गया है। अनेकानेक रोगों में किस तरह से उपयोग कर रोग निवारण किया जाना चाहिये उसके बारे में भी विस्तार से बताया गया।
     225 गौमाताओं की सेवाओं का मिल रहा लाभ
       संत श्री ने बताया कि श्री द्वारकाधीश गौधाम गौशाला तलवाडा में करीब 225 गौमाताऐं है जिनका वे प्रतिदन गौमुत्र पान करते है। उनका स्नान, साफ सफाई, बीमार गाय का उपचार करवाने के साथ ही आहार में हरी सब्जीयों के साथ ही गुड के लड्डु भी खिलाऐं जाते है। खासकर संध्या को उन्हें रामायण पाठ का श्रवण भी कराया जाता है। उल्लेखनीय है कि पिटोल में चल रही भागवत कथा में बडी संख्या में भक्तजन जिनमें खासकर महिलाऐं भागवत कथा के कई रोचक दृष्टांतों का रसपान कर रही है। संत श्री की टीम के सुमधुर संगीत व भजनों पर सप्ताह भर से पिटोल में माहौल धर्ममयी बना हुआ है।

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