धर्म और आस्था

भोले की भक्ति के रंग में रमी नारी शक्ति की अद्भूत आस्था…

*5 किमी दूर से कांवड में जल भर कर मंदिरों में किया जलाभिषेक* *जयकारों से गुंजा* *मार्ग, नगर में भक्ति ओर श्रद्धा का माहौल_*

 पिटोल -( निर्भयसिंह ठाकुर ) समिपस्थ आदिवासी अंचल के मंडली स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर की तलहटी में बह रही भामची व मोद नदी के संगम पर पिटोल के सर्व समाज की नारी शक्तियों का अद्भूत संगम देखने को मिला। सावन मास के रविवार को बडी संख्या में महिलाऐं ग्राम मंडली के इस मंदिर पर एकत्रित हुई। यहां से महिलाऐं नदी के जल से अपनी कावड को भर उसे कंधे पर रख चल दी भोले के जयकारों के साथ नंगे पेर पिटोल नगर के प्रमुख मंदिरों की ओर…..।
          महिला श्रद्धालुओं ने शिव भक्ति में लीन होकर ’’ गजब है तेरी माया, भेद कोई समझ न पाया सबसे बडा है तेरा नाम भोलेनाथ भोलेनाथ‘‘ के बैंड पर चल रहे भजनों पर रास्ते भर नृत्य किया। साथ ही हर हर महादेव व बोल बम के जयकारों से मार्ग को भक्तिमय बना दिया।
   *तीसरे वर्ष में प्रवेश किया नारी शक्ति कावड यात्रा ने* 
       स्व प्रेरित, स्व स्फुर्त मोबाईल पर एक गु्रप बनाकर हर मोबाईल में एक संदेश पहुंचा व 2023 में पहली बार एकत्र हो गई नारीयों की एक बडी फोज। भोले की भक्ति में रमी इस नारी शक्ति नें एक ऐसी संख्या पहले वर्ष में एकत्र कर दी जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। एक अनुकरणीय, कल्पना से परे इस कावड यात्रा नें क्षैत्र में ऐसे धार्मिक वातावरण का सृजन किया कि अब अलग अलग दिनों में महिलाओं की भोले भक्ति सिरचढ कर बोल रही है।
     *नारी सशक्तिकरण ओर आध्यात्मिकता का संगम* 
     वर्ष दर बर्ष दोगुने उत्साह से आगे बढ रही इन कावड यात्राओं ने यह साबित कर दिया है कि महिलाऐं सिर्फ आयोजनों में भाग ही नहीं ले रही है अपितु सफलतापुर्वक इसे आयोजित भी कर रही है। यह आयोजन नारी सशक्तिकरण, सामाजिक सहभागिता, ओर आध्यात्मिक जागरुकता का एक अद्भूत संगम बन गया है। क्षेत्र में धर्मांतरण को रोकने के लिये महिलाओं के इस तरह के आयोजन प्रेरक बनेंगे।
  *यात्रा का पिटोल नगर में ग्रामीणों ने किया स्वागत* 
     स्थानीय लोगों ने इस अद्भूत यात्रा का नगर में जगह जगह स्वागत किया। महिलाओं नें सामुहिक रुप से रास्ते में आने वाले मंदिरों पर भोले बाबा का जलाभिषेक किया। किंतु प्रकृति नें भी इस यात्रा के स्वागत में कोई कसर नहीं छोडी। रिमझिम गिर रही फुंहारों ने पेदल चल रही महिलाओं का भी जैसे जलाभिषेक किया हो। कुछ दूरी पर फुंहारे चली कुछ रुकी यह क्रम महिलाओं के काफिले में उत्साह का संचार करती रही।
            *आयोजन में युवाओं का था सक्रिय योगदान* 
     यात्रा की पूरी व्यवस्थाऐं सटीक थी। सुरक्षा को लेकर स्थानीय पुलिस सक्रिय थी।  ग्राम के युवाओं ने जल एवं फलाहार का प्रबंध किया था। बैंड पर चल रहे भक्तिमय भजनों के बीच दोपहर 12 बजे से चालु हुई  यात्रा 2 बजे नगर में प्रवेश कर गई। मंदिरों में जलाभिषेक का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा।

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