झाबुआ से भोपाल तक

अवेध रेत परिवहन पर अंकुश लगाने मे नाकाम खनिज विभाग , चोरी छुपे रास्तो से हो रहा परिवहन

अवैध रेत परिवहन कर रहे ट्रक ने छिन ली तीन लोगो की ज़िंदगी, हंसता खेलता परिवार उजड़ गया

झाबुआ जिले में राजनीतिक रसूखदारों ओर प्रशासन के सरंक्षण से सरकार द्वारा रेत खनन पर लगाए गए 3 माह के प्रतिबंध के आदेश की खुले आम धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिले में अवैध रेत परिवहन का खुलेआम खेल चल रहा है। अगर जिले की कप्तान  नेहा मीना की कार का रेत परिवहन करने वाले डंफर से एक्सीडेंट नहीं होता तो, सब कुछ जो  सेट कर चल रहा था  शायद  वह वेसा ही चलता रहता……?

हादसो मे अक्सर चालक हो जाता है फरार …?

ऐसे हादसे और दारू की गाड़ी पकड़ने के बाद चालक अधिकतर फरार होने में कैसे कामयाब हो जाता है…?  यह तो बस प्रशासन ही जाने की ऐसा क्यू होता है । कुछ लोगो ने चटकारे लेते  हुए कहा कि  कलेक्टर की कार को रेत के डम्फर ने ठोका प्रशासन  तो प्रशासन ने कार्यवाही के लिए दिन रात एक कर डाली मगर यही हादसा आम आदमी के साथ होता तो  शायद बात बाहर ही नहीं आतीं, कलेक्टर की कार को ठोकने के बाद प्रशासन हरकत मे आया था जबकि इसमे  किसी को खरोच तक भी नहीं आयी थी। जबकि मेघनगर के सजेली फाटक पर  हुवे हादसे को आज तक भुला नही जा सकता है मगर वहा मुआवजा की चादर ओढाकर मामले को ठंडा कर दिया गया जबकि वहा भी कलेक्टर मेड्म को ऐसा ठोस कदम उठाना था  वहीं इस हादसे में एक ही परिवार के 3 सदस्यों की दर्दनाक मौत भी हो गयी है। हमारा जिले की कप्तान से अब यह सवाल है  कि क्या अब उनके कार हादसे की तरह ही वे ऐसी ही कार्रवाई कर पायेगी…? कुछ लोगो ने चटखारे लेते हुए कहा कि यदि कलेक्टर के वाहन को दारू माफियों के ट्रक ने ठोका होता तो क्या वे ऐसी कार्यवाही  करवा पाती ………?

 

यह है पूरा मामला 

सुबह साढ़े तीन बजे के दरमियान अवैध रेत परिवहन करने रेती से भरा हुआ ट्रक क्रमांक जीजे 34 टी 3439 गुजरात के छोटा उदयपुर रोड से मध्यप्रदेश के धार जिले के राजगढ़ से होते हुए झिरी गांव की तरफ से निकल रहा था। यह ट्रक कालीदेवी थाना क्षेत्र के गांव फतीपुर में चोरण माता घाट पर कच्चे मकान में अनियंत्रित होकर जा घुसा और पलट गया। इस हादसे में घर के अंदर सो रहे निर्दोष ग्रामीण देसीह पिता नूरा मेडा उम्र 27 वर्ष , उनकी पत्नी रमिला उम्र 25 वर्ष और बेटी आरोही उम्र 6 की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद ड्राइवर फरार हो गया।

 बड़ी मशक्कत के बाद तीनों शवो को निकाला गया…

हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई। ट्रक को क्रेन की मदद से उठाया और हटाया गया। तीनों शवों को बड़ी मशक्कत के बाद निकाल लिया गयेम और ट्रक को क्रेन से उठाकर हटाया गया ग्रामीणों ने खुद रेस्क्यू शुरू कर शव को निकाला । घटना की जानकारी उस वक्त मिली जब गांव के कुछ लोग वहां से गुजर रहे थे, उन्होंने फौरन बाकी गांव वालों को भी हादसे की जानकारी दी। पुलिस को सूचना देने के बाद उन्होंने खुद रेस्क्यू शुरू किया करीब आधे घंटे बाद पुलिस की टीम भी पहुंच गई थी।


कलेक्टर कार हादसे के बाद कार्यवाही के बावजूद ग्रामीण इलाको से गुजर रहे अवैध रेत से भरे वाहन …….

कलेक्टर नेहा मीना ने एसडीएम भास्कर गाचले से स्थिति की जानकारी ली रेत माफियाओं ने कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए अवैध रेत परिवहन करने के हेतु चोरी छिपे  ग्रामीण रास्तों को चुनकर भारी भरकम रेत से भरे ट्रक  वहा से निकाले रहे है क्योंकि कलेक्टर कार हादसे के बाद से अवैध रेती परिवहन करने वाले माफियाओं के खिलाफ खनिज विभाग छोटी मोटी कार्यवाही कर सुर्ख़ियो मे है मगर अवेध रेत परिवहन पर अंकुश लगाने मे नाकाम सिद्ध हो रहा है जिसका जीता जागता नमूना कल की घटना है जिसने सारी पोल खोल के रख दी । अब देखना है कि  सरकारी मुआवजे से मृतक लोगो की सांसे दोबारा आ आयेगी…? या चंद रुपयो से हादसे मे बचे  मासूमो की   जिंदगी संवर जायेगी।

सड़क हादसे में पति-पत्नी और बच्ची की मौत की जानकारी लगने पर मंत्री निर्मला भूरिया ने मृतक के वैध वारिस को 1 लाख 20 हजार (प्रत्येक मृतक के मान से 40-40 हजार) रुपए आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही कलेक्टर नेहा मीना से चर्चा कर पीड़ित परिवार को शासन की योजना अनुसार लाभ देने को कहा। ग़ौरतलब है कि मृतक परिवार मंत्री निर्मला भूरिया के गृह  क्षेत्र रामा विकासखंड का रहने वाला है। चूंकि  मंत्री निर्मला भूरिया भोपाल है, इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री से भी मृतक परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए चर्चा की है। मंत्री भूरिया ने बताया कि, मृतक परिवार के प्रति मेरी पूरी संवेदनाएं हैं। मैं पीड़ित परिवार के साथ खड़ी हूं।

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