मुख्यमंत्री कन्यादान योजना विवाह से वंचित किये जाने पर आवाज़ उठाने वाले युवक को डरा धमका कर दबाने का प्रयास
शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करवाने के लिए विभागीय कर्मचारियों द्वारा युवक पर बनाया जा रहा दबाव

झाबुआ (सुनील डाबी ) पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है जो जनता के बीच जाकर जनता की समस्या को लेकर प्रशासन को अवगत कराता है मगर चंद नुमाइंदा कर्मचारी लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को गलत साबित करने के लिए अपनी एड़ी चोटी का जोर लगाकर अपने काले कारनामों छुपाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं ऐसा ही एक मामला झाबुआ जिले के मेघनगर की जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत गुवाली के बांडी सेरा का है जहाँ के रहने वाले युवक सजंय भूरिया ने मीडिया के कैमरे के सामने जनपद के बाबू और पंचायत के सचिव की काली करतूतों की पोल खोल दी और ग्राम पंचायत सचिव पर 10 हज़ार रुपये मांगने का आरोप लगाया था और कहा था कि 10 हजार रुपये सचिव को नही दिए इस लिए मेरी बहन को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना विवाह में शामिल नही किया और फार्म रिजेक्ट कर दिया तो वही जनपद के बाबू की कारस्तानी को लेकर भी सजंय भुरिया ने अपनी आवाज़ बुलंद की व न्याय के लिए गुहार लगाई सजंय भुरिया ने बताया था की उसके पिता की मृत्यु केंसर की वजह से हुई थी सम्बल योजना के तहत शासन द्वारा आर्थिक सहायता राशि को स्वीकृति के एवज में बाबू द्वारा 10 हज़ार की राशि ली गई थी उसके बाद माँ के खाते में 2 लाख की आर्थिक सहायता राशि मिली थी जिसकी खबर के बाद उल्टा भ्रष्ट कर्मचारियों ने संजय पर दबाब बनाते हुवे मीडिया को झूठ व खुद को पाक साफ बताने के लिए युवक सजंय को जनपद में बुलाकर स्टाम्प पर शपथ पत्र बनवा डाला ओर उस पर हस्ताक्षर करने के लिए हर जतन किये गए मगर सजंय द्वारा हस्ताक्षर न कर न्याय की बात कह डाली आखिर भृष्ट कर्मचारी पत्रकार की कलम से इतना डरते है तो ऐसे कर्मचारी उल्टा काम करते ही क्यों हैं कि उन्हें सही को झूठ बताने के लिए इतनी मशक्क्त करना पड़े खेर कुछ भी हो मगर सजंय ने यह साबित कर दिया कि आदिवासी वर्ग अब जाग चुका है और वह पीछे हटने वाला नही है अब देखना हैं कि जनपद के बाबू व गुवाली पंचायत के सचिव को बचाने के लिए क्या नई बिसात बिछाते है या जिला कलेक्टर इस मामले पर एक्शन लेते हुवे दोनों बाबू और सचिव पर कार्यवाही के आदेश जारी करती है या फिर शिकायत करता सजंय भुरिया पर दबाव बना कर डराने का काम कर इन भृष्ट कर्मचारियों को बचा लिया जायेगा यह अब देखना हैं
केवाईसी का बहाना कर अपने आप को बचाने में लगे जिम्मेदार अधिकारी
मामले को रफादफा करने व सचिव को बचाने के लिए आनन फानन में शपथ पत्र तैयार किया गया मगर जनपद के जिम्मेदार यह भूल गए कि बिना केवाइसी के मूल निवासी प्रमाण पत्र नही बनता है जबकि सजय ने अपनी बहन का मूल निवासी प्रमाण पत्र मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में आवेदन करने के लिए वर्तमान में बनवाया था तो फिर शपथ पत्र पर केवाइसी का बहाना बताकर क्यो सचिव को बचाने का प्रयास किया जा रहा है जबकी सचिव द्वारा खुलेआम 10 हज़ार की मांग की थी जो सजंय नही दे पाया था और उसकी बहन कन्यादान योजना से वंचित हो गई थी मिडिया द्वारा कन्यादान विवाह योजना स्थल पर ही जनपद सीईओ से इस मामले में सवाल पूछा तो खुद अपने आप को पाक साफ बताते हुवे मामले को दिखवाने की बात कही थी न कि सम्बन्धित की आवाज़ को दबाने की मगर यहाँ तो उल्टा हो रहा है उल्टा चोर कोतवाल को डांटे मगर साहब जमाना बदल गयाहै एक सजंय को दबाओगे तो कई सजंय खड़े हो जायेगे…कब तक आप आवाज़ दबाते रहोगे ओर सही को झुठ बताते रहोगे…?
एसडीएम मेघनगर रितिका पाटीदार
अंतरसिंह डावर जनपद सीईओ मेघनगर
