झाबुआ

*समस्या पिटोल प्रा.स्वा.केन्द्र की ……

6 पलंग वाले केंद्र पर 15 प्रसूतियों का बोझ.... प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की सेहत खुद खराब

निर्भयसिंह ठाकुर पिटोल – यहां पर प्राथमिक स्वा. केन्द्र में प्रसुति करवाने के लिये आने वाली महिलाओं को असुविधाओं का सामना करना पड रहा है। उन्हें यदि पलंग मिल गया तो ठीक अन्यथा प्रसुति के बाद जच्चा ओर बच्चा दोनों को जमीन पर लेट कर अपना ईलाज करवाना पड रहा है। यहां ऐसे हालात बरसों से बने हुवे है।
           *एमसीएल की गाईड लाईन* *6 बिस्तर की* 
       यह केन्द्र सिर्फ 6 बिस्तर वाला है जबकि यहां 10 से 15 प्रसुतियां हर दिन हो रही है। गत अगस्त माह की ही बात करें तो यहां 362 प्रसुतियां हुई है जो कि अपने आप में एक बडा आंकडा है बावजुद इसके यहां महिलाओं की सुविधा के लिये जिम्मेदारों का ध्यान नहीं है। बताया जा रहा है कि मेडिकल काउन्सील आॅफ ईण्डिया की गाईड लाईन के अनुसार किसी भी प्राथमिक स्वा. केन्द्र पर 6 से ज्यादा प्रसुतियां नहीं करवाई जा सकती। यहां उपलब्ध सुविधा के मान से हर दिन होने वाली प्रसुति के लिये आने वाले स्वजनों के आक्रोश का शिकार स्वास्थ कर्मियों को होना पडता है। पलंगों को लेकर यहां कहा सूनी आम बात हो गई है। यहां पदस्थ प्रभारी डाॅ. आर एस बाथम ने बताया कि ऐसे हालात में वे आखिर करे तो क्या करे।
                         *खास* *बातें* 
 यहां बन रहे 30 बिस्तर वाले नवीन कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर का कार्य अभी अधुरा होकर लम्बे समय से रुका हुआ है।
– यहां से जिला चिकित्सालय की दूरी महज 17 किमी।
– किसी महिला की प्रथम प्रसुति को यहां प्राथमिक स्वा. केन्द्र पर करवाने का प्रावधान नहीं है। बावजुद हालात के मद्देनजर करवाना पड रही है।
– वितिय वर्ष 2024-25 में हुई 2672 प्रसुतियां।
– 2025-26 में अब तक 1624 प्रसुतियां।
– गुजरात की सीमा से लगा होने के कारण आसपास के लोग भी प्रसुताओं को यहां लेकर पहुंचते है।
– प्रसुति के लिये सिर्फ दो ही कमरे। पलंग बढा भी दिये जाऐ तो रखने की समस्या।
– स्टाॅफ पर्याप्त – 1 डाक्टर, 1 संविदा डाक्टर, 3 बांडेड डाक्टर, 5 स्टाॅफ नर्स, 3 एएनएम, 1 ड्रेसर, 1 वार्ड बाॅय, 4 एमटीएस यहां पदस्थ है।
                     *इनका कहना है* 
       स्वा. केन्द्र में पदस्थ डाॅ. आरएस बाथम ने बताया कि जितनी संख्या में यहां प्रसुतियां हो रही है यदि यहां पलंग बढाऐ भी जाते है तो समाधान की गुंजाईश नहीं के बराबर। बनिस्बद इसके नवीन बन रहे कम्युनिटी हेल्थ सेंटर का जल्दी निर्माण ज्यादा जरुरी।
फोटो -1  इस तरह से जमीन पर लेट कर स्वास्थ लेना पड रहा है प्रसुताओं व नवजात को।
2 – पिटोल में बन रहा 30 बिस्तर वाला निर्माणाधीन कम्युनीटी हेल्थ सेंटर।

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